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"थरथराहट"(रुबाइ)

  "ख़रामे-नाज़ वालों के

  दबे पांवों की आहट हूं !
  हसीनों  के  लबों  पर
  चोट खायी मुस्कुराहट हूं!!
  हूं मैं जोशे-मुहब्बत जिसे
  नफ़रत  भी  है  प्यारी ;
  सम्भल जाते हैं सबके होश
  मैं   वो   थरथराहट   हूं!!
  *********************

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2 Comments

Miss Lipsa

02-Sep-2021 09:11 PM

Nice

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Virendra Pratap Singh

02-Sep-2021 09:16 PM

Thanks for likening, Lipsa.

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